Generic medicines or branded medicines सच क्या है? एक्सपर्ट्स ने तोड़ी सारी गलतफहमियां

जैसा कि आपको पता ही होगा कि जेनेरिक दवाइयां ब्रांडेड दवाइयां (Generic medicines or branded medicines) की अपेक्षा काफी सस्ती आती है कई लोग इनके प्रयोग से इसलिए बचते हैं क्योंकि उन लोगों के मन में यह है की ब्रांडेड दवाइयां की जितनी जेनेरिक दवाइयां असरदार नहीं होगी यदि आपके मन में भी ऐसे सवाल हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए बेहद उपयोगी हो सकता है
Generic medicines or branded medicines

जैसा कि आपको पता ही होगा कि जेनेरिक दवाइयां ब्रांडेड दवाइयां (Generic medicines or branded medicines) की अपेक्षा काफी सस्ती आती है कई लोग इनके प्रयोग से इसलिए बचते हैं क्योंकि उन लोगों के मन में यह है की ब्रांडेड दवाइयां की जितनी जेनेरिक दवाइयां असरदार नहीं होगी यदि आपके मन में भी ऐसे सवाल हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए बेहद उपयोगी हो सकता है

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Generic medicines or branded medicines: भारत में दवाइयां की बिक्री पिछले कुछ वर्षों में तेजी के साथ बढ़ रहा है देश में घरेलू और वैश्विक दोनों बाजार में जेनेरिक बायोसिस और वेट लॉस डायबिटीज की दवाइयां की मांग ज्यादा है देश में जेनेरिक दवाइयां की मांग भी ब्रांडेड दवाइयां के जितना ही होता है ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके मन में यह सवाल होता है

कि क्या जेनेरिक दवाइयां भी ब्रांडेड दवाइयां की तरह सुरक्षित एवं असरदार है यदि आपके मन में भी यह सवाल है कि जेनेरिक दवाइयां का उपयोग करने से हमें कोई हानि नहीं होगी और यह असरदार भी होगा तो आप इस आर्टिकल को आगे अवश्य पढ़े।

भारत में फार्मा इंडस्ट्री का मार्केट

ispe. Org के अनुसार भारत में थाना इंडस्ट्री का आकार वर्ष 2023 24 में लगभग 4000 से 5000 अरब रुपए का था जिसमें घरेलू बिक्री 1962.25 अब और निर्यात दवाइयां 2212.75 अब की थी इस क्रम में वर्ष 2024 25 तक यह मार्केट 4000 से ₹5000 से बढ़कर 5000 से 5500 अब तक पहुंचाने का अनुमान लगाया जा रहा है वहीं 2030 तक 10000 से 11000 अरब रुपए और 2047 तक 37575 अरब रुपए तक पहुंचने का अनुमान किया जा रहा है

Generic medicines or branded medicines जेनेरिक दवाइयां क्या है और किस तरह से अलग है ब्रांडेड दवाइयां से

जेनेरिक दवाइयां ब्रांडेड दवाइयां की अपेक्षा बेहद सस्ती होती है स्ट्रीज हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के निर्देशक और सीईओ जीवन कसारा ने यह बताया है कि जेनेरिक में उनके ब्रांडेड काउंटरपार्ट्स की तरह ही एक्टिव इंग्रेडिएंट्स डोज और स्ट्रैंथ होती है जब किसी दवा कंपनी का पेटेंट समाप्त हो जाता है तो अन्य कंपनियों को उसको केमिकल नाम से इस दवा को बनाने की अनुमति प्रदान की जाती है।

क्या जेनेरिक दवाइयां की डोज स्टैंड और प्रभावशीलता अलग-अलग होती हैं?

जेनेरिक दवाइयां का डोज फॉर्म स्ट्रैंथ आदि में ब्रांडेड दवाओं की बात होती है जेनेरिक और ब्रांडेड दवाओं में कलर और पैकेजिंग में अंतर देखने को मिल सकता है इन सब के बावजूद जेनेरिक और ब्रांडेड दवाओं का एक्टिव कंपाउंड एक जैसा ही होता है।

क्या जेनेरिक दवाइयां सुरक्षित हैं

जीवन कसारा का यह कहना है कि रेपुटटेड दवा कंपनियां रेगुलेटरी प्रोटोकॉल पर बेहद शक्ति के साथ पालन करती हैं और बायो इलेक्ट्रिक इक्विवेलेंट स्टडी करती है ताकि यह दिखाया जा सके कि जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दावों की भांति ही शरीर पर असर डालती है।

सीडीएससीओ की पॉलिसी और इंटरनल ऑडिट जैसे यूएसएसडीए या यूरोपिय रेगुलेटर से क्वालिटी स्टैंडर्ड को सुनिश्चित करते हैं खासकर निर्यात में जाने वाली दवाइयां के लिए सेफ्टी होना बेहद जरूरी है इसलिए आप लाइसेंस प्राप्त फार्मेसी से ही दवाएं खरीदें।

डॉक्टर और एफडीए जैसी नियामक संस्थाएं जेनेरिक दवाओं को बड़े पैमाने स सुरक्षित और प्रभावी मानती हैं क्योंकि उनके खुराक सख्त गुणवत्ता और स्थिरता दवाओं की भांति होती हैं तथा उनके ब्रांडेड दवाओं जैसी ही एक्टिव कंपाउंड भी होते हैं जिसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि वह सामान तरह से प्रभाव डालेंगे अथवा नहीं।

एफडीए जैसी एजेंटीयों के क्वालिटी चेक के दौरान जेनेरिक दवाओं को काफी टेस्टिंग के साथ गुजारना पड़ता है और ब्रांड नाम वाली दवाओं के समान गुणवत्ता सुरक्षा और प्रभावकारिता के मानकों को भी पूर्ण करना आवश्यक होता है बाजार में आने के पश्चात जेनेरिक दवाओं की सुरक्षा और प्रभावशीलता की निरंतर निगरानी भी की जा रही है।

निर्देशों के अनुसार जेनेरिक दवाओं को ब्रांड वाली दवाओं की तरह ही जैव-समतुल्यता दिखानी होती है जिसका मतलब यह होता है कि वह रक्त प्रवाह के समान दर पर अवशेषित होती हैं इसलिए जेनेरिक दवाएं भी पूरी तरह से सुरक्षित मानी जाती हैं।

जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाएं से कितनी सस्ती होती हैं

जेनेरिक दवाएं, ब्रांडेड दवाई से लगभग 30 से 90% तक सस्ती होती हैं इस प्रकार से आप क्वालिटी से बिना किसी प्रकार का समझौता किया दवाइओं पर भारी सेविंग्स कर सकते हैं।

कैसे पता करें कि जेनेरिक दवा विश्वसनीय अथवा नहीं
  • दवा लेते समय इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि जिस फार्मेसी से आप दवा ले रहे हैं वह लाइसेंस प्राप्त फार्मेसी होना चाहिए
  • दवा लेने से पूर्व बैच नंबर और एक्सपायरी डेट को जरूर चेक करें
  • मैन्युफैक्चरिंग और अप्रूवल डिटेल्स को भी ध्यानपूर्वक देखें