Satya Pal Malik Death News: पूर्व राज्यपाल और कभी भाजपा के प्रमुख नेता रहे सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) का आज, 5 अगस्त 2025, को निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और मई 2025 से डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दिल्ली में भर्ती थे, जहां उनकी हालत लगातार गंभीर बनी हुई थी। आज सुबह उन्होंने अस्पताल में अंतिम सांस ली।
सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) का राजनीतिक सफर काफी चर्चित रहा—वे भाजपा के वरिष्ठ नेता रह चुके थे, लेकिन बाद में उन्होंने सरकार की नीतियों की खुलकर आलोचना भी की। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर है और राजनीतिक व सामाजिक जगत में उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है।
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Satya Pal Malik Death News: गंभीर संक्रमण और किडनी फेल्यर के चलते निधन
Satya Pal Malik Death News: पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) का निधन आज दोपहर डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दिल्ली में हो गया। उन्हें गंभीर मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) और किडनी फेल्यर की जटिलताओं के चलते आईसीयू में रखा गया था। लंबे इलाज के बाद आज अस्पताल ने उनके निधन की पुष्टि की।
दुखद संयोग यह है कि एक दिन पहले ही झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का भी दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया था। आज उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। देश ने लगातार दो दिनों में दो अनुभवी और प्रभावशाली नेताओं को खो दिया, जिससे राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है।
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कौन थे सत्यपाल मलिक? जानिए उनके जीवन और राजनीतिक सफर
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) का जन्म 24 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के हिसवाड़ा गांव में एक जाट परिवार में हुआ था। उन्होंने मेरठ कॉलेज से बीएससी और एलएलबी की पढ़ाई की थी। उनका राजनीतिक सफर 1968-69 में मेरठ कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष बनने से शुरू हुआ। इसके बाद उन्होंने 1974 से 1977 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा सदस्य के रूप में कार्य किया। सत्यपाल मलिक ने 1980 से 1989 तक राज्यसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया।

वह 1989 से 1991 तक जनता दल के सांसद रहे और अलीगढ़ लोकसभा सीट से नौवीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। उन्होंने अलग-अलग पार्टियों के साथ काम किया लेकिन बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़ गए और कई राज्यों में राज्यपाल के रूप में सेवा दी।
उनकी छवि एक स्पष्टवादी और बेबाक नेता की रही, जिन्होंने सत्ता में रहते हुए भी कई बार सरकार की आलोचना की।
अनुच्छेद 370 हटने के समय जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे सत्यपाल मलिक
सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) ने अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के अंतिम राज्यपाल के रूप में कार्य किया। 5 अगस्त 2019 को उनके कार्यकाल में ही अनुच्छेद 370 हटाने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया।
Satya Pal Malik Death News: इसके बाद मलिक बिहार और मेघालय के राज्यपाल भी रहे। वे अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते थे और अक्सर चर्चा में रहते थे। उन्होंने 2019 के पुलवामा हमले में सुरक्षा चूक और किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के आरोपों पर भी खुलकर बयान दिए थे।